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 सब-रजिस्ट्रार की मिलीभगत से फर्जी दस्तावेज बनाकर प्रॉपर्टी बेचने वाला वकील गिरफ्तार

सब-रजिस्ट्रार की मिलीभगत से फर्जी दस्तावेज बनाकर प्रॉपर्टी बेचने वाला वकील गिरफ्तार



विशेष संंवाददाता
नई दिल्ली। सब-रजिस्ट्रार से मिलीभगत कर फर्जी दस्तावेज के आधार पर दिल्ली के जीबी रोड पर स्थित एक प्रॉपर्टी का हिस्सा बेचने के आरोप में दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) की टीम ने एक आरोपी को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपी की पहचान भूपेन्द्र सिंह चौहान के तौर पर की है, जो दिल्ली के अंसारी रोड पर स्थित मकान संख्या-4290/3 में रहता है और पेशे से वकील है। आरोपी को रमेश चंद्र जैन ने अधिकृत प्रतिनिधि बनाया था। 

आरोप है कि इसी का फायदा उठाते हुए आरोपी ने 71, जीबी रोड की प्रॉपर्टी का एक हिस्सा फर्जी दस्तावेज पर बेच दिया था। फिलहाल पुलिस आरोपी से पूछताछ कर मामले में आगे की जांच कर रही है। ईओडब्ल्यू के ज्वाइंट सीपी डॉ. ओपी मिश्रा ने बताया कि इस फर्जीवाड़े को लेकर योगेश नारायण गुप्ता ने शिकायत दी थी, जिसपर शुरुआती जांच के बाद पुलिस ने गत 14 जून 2019 में आईपीसी की धारा 420, 467, 471 और 120बी के तहत केस दर्ज जांच शुरू की थी। 2020 में कोरोना के कारण जांच धीमी हो गई थी। जनवरी 2021 के बाद पुलिस ने जांच में तेजी लाते हुए अब आरोपी को गिरफ्तार किया है।

किराएदारों को ही बेच दी प्रॉपर्टी 

अपनी शिकायत में शिकायतकर्ता ने बताया था कि वह जीबी रोड पर स्थित प्रॉपर्टी नंबर-71 का मालिक है और उसने 22 फरवरी 2006 को उक्त प्रॉपर्टी खरीदी थी। आरोप है कि दरियागंज निवासी वकील भूपेन्द्र सिंह चौहान जिसे रमेश जैन ने अपना अधिकृत प्रतिनिधि बनाया था, उसने शिकायतकर्ता की प्रॉपर्टी का एक हिस्सा उषा देवी, अहसान मोहम्मद और नरेन्द्र भाटिया नामक तीन लोगों को गैरकानूनी तरीके से बेच दिया। प्रॉपर्टी की सेल डीड भी आसफ अली रोड, सब-रजिस्ट्रार से मिलीभगत कर बनवा ली थी। आरोपी ने जिन लोगों को प्रॉपर्टी बेची थी वे उक्त प्रॉपर्टी में किराएदार थे। शिकायत पर पुलिस ने केस दर्ज कर डीसीपी मोहम्मद अली की देखरेख और एसीपी अमरदीप सहगल की निगरानी में एसआई गौरव, एएसआई यशपाल और कांस्टेबल विपिन की टीम ने छानबीन शुरू की। 

 ईओडब्ल्यू ज्वाइंट सीपी डॉ. ओपी मिश्रा

बिना अनुमति के बेची प्रॉपर्टी 

पुलिस की छानबीन में पता चला कि उक्त प्रॉपर्टी को लेकर शिकायतकर्ता से कोर्ट में चल रहे एक सिविल केस में आरसी जैन ने कोर्ट के सामने पेश होने के लिए भूपेन्द्र सिंह चौहान को अधिकृत किया था। जिसने उक्त प्रॉपर्टी की सब-रजिस्ट्रार से मिलीभगत कर सेल डीड जारी करवा ली और प्रॉपर्टी को तीनों अन्य आरोपियों को बेच दिया। हालांकि रमेश चंद्र जैन की मानें तो उन्होंने अपनी जीपीए (जनरल पावर ऑफ अटर्नी) में उक्त प्रॉपर्टी को बेचने का कोई अधिकार नहीं दिया था। आरोपी ने फर्जी तरीके से पॉवर ऑफ अटर्नी को तोड़ते हुए उक्त प्रॉपर्टी बेच दी। फिलहाल पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है और आगे की कार्रवाई कर रही है।

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